अपनी तीसरी आँख को कैसे खोलें और अपनी पीनियल ग्रंथि को कैसे सक्रिय करें। । How to open your third eye and activate your pineal gland.

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अपनी तीसरी आँख कैसे खोलें और अपनी पीनियल ग्रंथि को कैसे सक्रिय करें। तीसरी आँख की अवधारणा, जिसे अक्सर अंतर्ज्ञान, उच्च चेतना और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि से जोड़ा जाता है, ने सदियों से कई लोगों को आकर्षित किया है। विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में निहित, तीसरी आँख को पीनियल ग्रंथि से जुड़ा माना जाता है, जो मस्तिष्क में एक छोटी अंतःस्रावी ग्रंथि है जो मेलाटोनिन का उत्पादन करती है और नींद के पैटर्न को नियंत्रित करती है। पीनियल ग्रंथि को सक्रिय करने और तीसरी आँख खोलने से आध्यात्मिक जागरूकता और आंतरिक दृष्टि को बढ़ाने के लिए माना जाता है। इस परिवर्तनकारी यात्रा को शुरू करने के तरीके के बारे में यहाँ एक गाइड दी गई है।

तीसरी आँख और पीनियल ग्रंथि को समझना :

https://sam3irdeye.com/तीसरी आँख, जिसे हिंदू धर्म में अजना चक्र के रूप में भी जाना जाता है, माथे के केंद्र में, भौंहों के बीच की जगह से थोड़ा ऊपर स्थित होती है। इसे उच्च चेतना और आध्यात्मिक जागृति का प्रवेश द्वार माना जाता है। पाइन कोन के आकार की पीनियल ग्रंथि, मस्तिष्क के केंद्र के पास स्थित होती है और जैविक लय और नींद-जागने के चक्र को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अपनी तीसरी आँख खोलने और अपनी पीनियल ग्रंथि को सक्रिय करने के चरण

ध्यान का अभ्यास करें :

https://sam3irdeye.com/ध्यान मन को शांत करने और अंदर की ओर ध्यान केंद्रित करने का एक शक्तिशाली साधन है। तीसरी आँख को उत्तेजित करने के लिए, अपनी भौहों के बीच के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करके ध्यान का अभ्यास करें। इस क्षेत्र में एक चमकदार नील प्रकाश या तीसरी आँख के प्रतीक की कल्पना करें। नियमित ध्यान आपके शरीर में ऊर्जाओं को संतुलित करने और आपकी आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

माइंडफुलनेस में संलग्न हों :

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माइंडफुलनेस में पल में पूरी तरह से मौजूद रहना और अपने विचारों और परिवेश के प्रति जागरूक होना शामिल है। माइंडफुलनेस का अभ्यास करने से आप अपने भीतर के आत्म और अपने आस-पास की सूक्ष्म ऊर्जाओं के प्रति अधिक सजग हो सकते हैं। हर दिन बिना किसी निर्णय के अपने विचारों का अवलोकन करने और अपने अंतर्ज्ञान पर ध्यान देने में समय बिताएँ।

विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों का उपयोग करें :

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विज़ुअलाइज़ेशन तीसरी आँख को उत्तेजित करने का एक शक्तिशाली तरीका है। अपनी आँखें बंद करें और अपने माथे के केंद्र में एक जीवंत नील या बैंगनी प्रकाश की कल्पना करें। कल्पना करें कि यह प्रकाश प्रत्येक साँस के साथ चमकता और फैलता जा रहा है। आप पीनियल ग्रंथि को सक्रिय होते हुए, ऊर्जा और जीवन शक्ति से चमकते हुए भी कल्पना कर सकते हैं।

योग का अभ्यास करें :

कुछ योग मुद्राएँ और अभ्यास तीसरी आँख चक्र को संतुलित और सक्रिय करने में मदद कर सकते हैं। चाइल्ड पोज़ (बालासन), डाउनवर्ड डॉग (अधो मुख श्वानासन) और डॉल्फ़िन पोज़ (अर्ध पिंचा मयूरासन) जैसे आसन सिर में रक्त प्रवाह को उत्तेजित कर सकते हैं और तीसरी आँख क्षेत्र को सक्रिय कर सकते हैं। इन आसनों को अपने दैनिक योग अभ्यास में शामिल करें।

मंत्रों का जाप करें :

मंत्र पवित्र ध्वनियाँ या कंपन हैं जो तीसरी आँख को सक्रिय करने में मदद कर सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए “ओम” मंत्र विशेष रूप से प्रभावी है। “ओम” का जाप करने से कंपन पैदा होता है जो तीसरी आँख चक्र की आवृत्ति के साथ प्रतिध्वनित होता है। अपने आध्यात्मिक ध्यान और जागरूकता को बढ़ाने के लिए ध्यान के दौरान इस मंत्र का जाप करें।

अपनी पीनियल ग्रंथि को डिटॉक्सीफाई करें :

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अपनी पीनियल ग्रंथि को डिटॉक्सीफाई करने से इसे सक्रिय करने में मदद मिल सकती है। फ्लोराइड का सेवन कम करें, जो पीनियल ग्रंथि को कैल्सीफाई करने के लिए जाना जाता है। शुद्ध पानी पिएं, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें और अपने आहार में लहसुन, धनिया और नींबू जैसे डिटॉक्सीफाइंग खाद्य पदार्थों को शामिल करें। स्पिरुलिना और क्लोरेला जैसे सप्लीमेंट भी डिटॉक्सीफिकेशन में मदद कर सकते हैं।

प्रकृति में समय बिताएं :

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प्रकृति का शरीर और मन पर ग्राउंडिंग और हीलिंग प्रभाव होता है। बाहर समय बिताएं, प्राकृतिक धूप में भीगें और धरती से जुड़ें। प्राकृतिक प्रकाश आपकी नींद के पैटर्न को विनियमित करने और आपकी पीनियल ग्रंथि के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, घास या रेत पर नंगे पैर चलना आपकी ऊर्जा को ग्राउंड करने में मदद कर सकता है।

प्राणायाम (सांस लेने के व्यायाम) का अभ्यास करें :

सांस लेने के व्यायाम आपके शरीर में ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करने और तीसरी आँख को सक्रिय करने में मदद कर सकते हैं। ऊर्जा अवरोधों को दूर करने और अपनी मानसिक स्पष्टता को बढ़ाने के लिए नाड़ी शोधन (वैकल्पिक नासिका श्वास) जैसी प्राणायाम तकनीकों का अभ्यास करें। प्राणायाम का नियमित अभ्यास आपके ध्यान और आध्यात्मिक जागरूकता को बेहतर बना सकता है।

क्रिस्टल का उपयोग करें :

माना जाता है कि कुछ क्रिस्टल तीसरी आँख चक्र के साथ प्रतिध्वनित होते हैं और इसे सक्रिय करने में सहायता कर सकते हैं। एमेथिस्ट, लैपिस लाजुली और क्लियर क्वार्ट्ज तीसरी आँख से जुड़े कुछ क्रिस्टल हैं। ध्यान के दौरान इन क्रिस्टल को अपने माथे पर रखें या अपनी रहने की जगह पर रखें ताकि इनकी ऊर्जा से लाभ मिल सके।

सपनों की डायरी रखें :

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तीसरी आँख अक्सर सपनों और दर्शन से जुड़ी होती है। सपनों की डायरी रखने से आपको अपने अवचेतन मन और उसके द्वारा दिए जाने वाले संदेशों के बारे में अधिक जागरूक होने में मदद मिल सकती है। जागने पर अपने सपनों को रिकॉर्ड करें और उनके अर्थों पर विचार करें। यह अभ्यास आपके अंतर्ज्ञान और आपके आंतरिक स्व से जुड़ाव को बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष :

अपनी तीसरी आँख खोलना और अपनी पीनियल ग्रंथि को सक्रिय करना आत्म-खोज और आध्यात्मिक विकास की यात्रा है। इन अभ्यासों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप अपने अंतर्ज्ञान को बढ़ा सकते हैं, गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं और अपनी उच्च चेतना से जुड़ सकते हैं। याद रखें, यह यात्रा हर किसी के लिए अनोखी होती है और धैर्य और दृढ़ता महत्वपूर्ण हैं। इस प्रक्रिया को अपनाएँ और अपनी आंतरिक दृष्टि को स्वाभाविक रूप से प्रकट होने दें।

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NLP के साथ पिछली दर्दनाक स्मृतियों को कैसे दूर करें? | How to Release Past Painful Memory With NLP?

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हमारी Healing Intelligence ही हमारी Protein है, जिसको हम Body कहते है | ये Heal नहीं करती जब तक हमारी Body मैं Past के Trauma (Past Painful Memory) होती है |

हमारी Immunity को तीन चीजें मारती है |

  1. Thought ( विचार )
  2. Toxins ( विषाक्त पदार्थ )
  3. Trauma ( घाव या घटनाऐं )

What is the Past Painful Memory (Trauma)

Past की वो घटनाएं जो दर्दनाक है, हम Trauma (Past Painful Memory) के नाम से जानते है | Past Painful Memory हमारे Mind मैं एक हादसे की तरह Store होती है | इस Memory को आप आज भी याद करते हो तो Discomfort हो जाते हो, जो आज तक हमारी Mind Screen पर चल रहीं हैं | हमारे Mind और Body मैं Past की घटनाओं के Patterns पड़े होते है | जिससे आपकी Body और Mind दोनों ही खुश नहीं होते |

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इन Past की घटनाओं से हमारी Immunity भी Week होती है, हम Stress मैं आते है व Depression और Anxiety को Feel करते है | हमारे Mind के अन्दर Locker मैं पड़ी वो Emotions है, जो आज भी Ongoing Issues की तरह चल रही है | ये आपके लिए आज भी Present है | इसलिए आज भी आपको परेशान कर रही है और उस समय भी परेशान किया था, जब ये Past मैं आईं थीं | हमारी Healing Intelligence ही हमारी Protein है जिसे हम Body कहते है | ये Heal नहीं करती जब तक हमारी Body मैं Past के Trauma (Past Painful Memory) होती है |

हमारी Life मैं जो भी हादसे होते है वो 1 साल से लेकर 15 या 16 साल तक की अवस्था मैं होते है | और ये खासकर लड़कों की अपेक्षा लड़कियों मैं ज्यादातर देखने को मिलते है | ये हमारे Mind के अंदर बहुत ही गहरे Pattern के साथ पड़े होते है | जब तक हम Consciously इनको तोड़ते नहीं है, ये हादसे हमारे अंदर ही पड़े होते है | इसके साथ ही हम Invite कर रहे होते है बहुत सारी Diseases को जिनका नाम है Stress, Panic Attack, Killing the Immunity, Depression, काम मैं मन न लगना और Anxiety इत्यादि | इसको हम Psychosomatic Disease के नाम से भी जानते है | इस समय हमारी Body Fight और Flight Mode मैं चल रही होती है और उन Chemical’s को Produce कर रही होती है, जो Chemical हमारी Body के लिए आगे चल कर बहुत ही खतरनाक साबित होते है | जो ( Stress, Panic Attack, Killing the Immunity, Depression, काम मैं मन न लगना और Anxiety Etc. ) बीमारी के रूप मैं हमारे सामने आते है |

किसी भी Future या Challenging Situation के लिए हमारे पास Trauma नहीं होने चाहिए | उस समय आप दो Situations को कैसे Handel करेँगे | आप Present के Challenge को तभी पूरा कर सकते है जब आपके पास Past का Trauma नहीं होगा | आप कभी कभी Experience करते होंगे | जब भी आप कोई बड़ा काम करने की सोच रहे होंगे, और आपको लगता है कि कोई आपको पीछे से खींच रहा है | ऐसा लगता है आप आगे बढ़ना चाहते है आपकी Energy आपका साथ नहीं दे रही है | आपके अंदर से Unwanted आवाजें आ रहीं है | और आपकी Feeling बदल रही है |

आपको एहसास होने लगता है | कि अब मैं आगे नहीं बढ़ पाउँगा | आप Future के Plans को पूरी तरह से Cancel कर देते हो | इसलिए ये Past के Trauma जो आपकी Memory मैं पड़े है इनको Erase करना बहुत जरुरी है | आप एक एक करके Past Painful Memory (Trauma) को Erase करेंगे और आप अपने आपको पूरी तरह से हल्का Feel करेंगे | अब आप आगे भी बढ़ रहे होंगे और आपकी Healing Intelligence भी आपके साथ काम कर रही होगी, आपकी Energy भी आपका साथ दे रही होगी | आप ये भी पाएंगे कि आपकी Tonality,आपके Behavior आपके लिए Positive हो रहे है |

कई बार Scientist और Physiologist ने ये पाया है, कि जो हमारे बचपन के Imprint हमारी Memory मैं Pattern के रूप मैं पड़े होते है | उनमें से कुछ हमारे Parental Pattern भी होते है | जैसे हमारे Parent यदि Alcoholic है, या उनके Unwanted Behavior है, या Abusive Behavior रहा है, या उन्होंने Physically किसी को नुकसान पहुँचाया है | ये सारे Pattern उस समय जब आप बच्चे थे आपके दिमाग मैं गहरे बैठ गए है | इतना ही नहीं ये भी पाया गया है कि कोई Mother, Wood be या जो Pregnant Lady किसी Stress का, या Physical, या Mental Trauma को Feel कर रही है ये सारे Pattern जो बच्चा उसकी कोख मैं पल रहा है उसके अंदर चलें जाते है | इसलिए Physiology मैं इसको Grand Mother Pattern या Grand Mother symptoms के नाम से भी जानते है | यानि कि कोई भी Trauma हमारे पास है तो कम से कम दो Generation को तो हम  देकर जाएंगे | इसलिए आप समझ लें इन (Trauma) Past Painful Memory को |

यदि Husband और Wife मैं लड़ाई हो रही है और उनका बच्चा शिशु अवस्था मैं है उस बच्चे का Mind इन सभी Pattern को ग्रहण ( Pervasive ) कर रहा है, कानों के द्वारा, आंखों के द्वारा | कई बार Parent का Sap-ration होता है या कोई Sexual Abuse है या अपना कोई छोड़ के चला जाता है जिसे हम Death कहते है या Breakup हो जाय | यानि कि ऐसे कुछ हादसे ( घटनाएं ) है जो Early Age में हमारे Mind मैं ता उम्र Imprint के रूप मैं पड़े होते है |

ऐसे ही कुछ Primary Pattern ईश्वर हमको Birth के Time पर हमारी Memory में देता है | कैसे हमारा Lever चलेगा, सांसें चलेंगी और पूरी Body की प्रक्रिया इसी Primary Pattern पर चलती है |

कई बार ये Trauma एक बार की Exercise में समझ नहीं आते | हम बार बार Exercise करते है और ये Trauma एक एक करके धीरे धीरे निकलना शुरू हो जाते है | जब हम बचपन के Past या Early Age मैं जाते है तब हमको पता चलता है कि ये Trauma हमारी Mind Memory मैं Store है | इन्हीं Trauma (Past Painful Memory) के कारण आप अपने जीवन मैं बेहतर नहीं कर पा रहे थे |

Basically, ये Trauma उसी तरह हमारे Mind मैं पड़े रहते है, जैसे हमारे घर के कोने में कोई मरा हुआ चूहा पड़ा है और उससे दुर्गन्ध आ रही होती है | और हम उस दुर्गन्ध से बच नहीं सकते ये नहीं कह सकते कि घर की सफाई कर दी है | अब बदबू नहीं आएगी, जब तक कि आप घर से उस मरे हुए चूहे को बाहर न निकाल दें | आप ये भी नहीं कह सकते कि मैंने duo लगा लिया है, तो अब दुर्गन्ध नहीं आएगी |

ये Past Painful Memory बहुत ही गहरे Mind के Store मैं पड़े है | जिसे हम Subconscious Mind भी कहते है | इसमें ही हमारे Behavior Pattern भी पड़े है | जब Subconscious Memory उस Store से ये Pattern को लेगी और कहेगी कि “मेरे साथ कुछ गलत हो रहा है” | “I am not ok” जब ये Feeling होती है तब हमारे Behavior Change हो जाते है | क़्योंकि हमारे Subconscious Mind ने Store से बही Read किया जो Subconscious के पास Store मैं था | और हमारी Body उसी तरीके से हमें Reaction देना शुरू कर देती है | फलस्वरूप हमको बहुत सारी Disease धीमे धीमे मिलती रहती है | जिन्हे हम Stress, Panic Attack, Killing the Immunity, Depression, काम मैं मन न लगना और Anxiety के नाम से जानते है |

How to Release Past Painful Memory with NLP. | NLP के साथ पिछली दर्दनाक Memory को कैसे ठीक किया जाए। 

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आप घर के किसी भी शांत जगह पर बैठ जाएँ |

  1. शांत बैठ कर Imagine करें आपके सामने 6 Feet की दूरी पर एक कांच की Transparent wall है | उसके आगे 6 Feet की दूरी पर एक बड़ी TV Screen है |
  2. अब आप अपने Inner World मैं जाएँ और अपनी पूरी Body  को ऊपर से नीचे Scan करें, अपनी पूरी Body को Observe करें |
  3. धीरे धीरे अपने Concentration को उस Transparent Wall  के पार TV Screen पर लेकर जाएँ |
  4. TV Screen पर अपनी उस Memory को ले जाएँ जिस Memory में सबसे ज्यादा आपको दर्द मिला हो या जो Memory आपको सबसे ज्याद परेशान करती हो |
  5. उस Memory को Screen  पर देखते हुए Feel करो वो Colorful है वहाँ कोई Sound भी हो सकती है | उस Memory को Screen पर Start to End तक Feel  करो |
  6. यदि Sound आ रही है तो Sound Mute करो, अब उसे Black and White कर दो |
  7. सारे Seen’s को Still फोटो फ्रेम मैं कई सारे फोटो बनाकर Screen पर Pinup कर दो |
  8. अब Screen को फोटो के साथ दूर जाता हुआ देखो जब तक कि फोटो एक Point मैं दिखाई दे |
  9. अब आपके हाथ मैं एक Eraser है Feel करते हुए तेजी के साथ फोटो Point को तब तक मिटायें जब तक सारे Point स्क्रीन से गायब न हो जाएँ |
  10. अब अपने Mental Screen पर उस Event को लाएं जो आपको अत्यधिक खुशी देता हो | और उस Event को सामने Scren पर Complete Visibility और Sound के साथ End तक देखें |
  11. उस Event Screen पर देखते हुए धीरे धीरे अपने Mantel Screen पर लेकर आएं और पूरे Event को Mantel Screen में कैद कर लें | और उस TV Screen को तोड़ कर अपने Concentration को बापस लाते हुए Transparent Wall को हटते हुए Mantel Screen पर आ जाएँ |

और धीरे धीरे अपनी आँखें खोलें हथेलियों को आपस मैं रगड़ कर आंखों पर लगाएं |

अब आप अपने आपको बहुत हल्का और तनाव मुक्त Feel कर रहे होंगे | यह Exercise आप एक बार में एक Past Painful Memory को Erase करने के लिए कर सकते है |

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एहसास-ए-मुलाकात | Feeling-of-Meeting

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एहसास-ए-मुलाकात हुई,

आज ढलती हुई उम्र से !
मैने कहा,..
“जरा ठहरो !”
तो वह हंसकर,
इठलाते हुए बोली,..
“मैं उम्र हूँ, ठहरती नहीं !
पाना चाहते ही हो मुझको,
तो मेरे हर कदम के संग चलो !!”
मैंने मुस्कराते हुए कहा,..
“कैसे चलूं मैं”
बनकर तेरा हमकदम !
संग तेरे चलने पर छोड़ना होगा,
मुझको मेरा बचपन,
मेरी नादानी,
मेरा लड़कपन!
तू ही बता दे कैसे
समझदारी की
दुनियां अपना लूँ !
जहाँ हैं नफरतें, दूरियां,
शिकायतें और अकेलापन !!”
उम्र ने कहा,..
“मैं तो दुनियां ए चमन में,
बस एक ‘मुसाफिर’ हूँ !
गुजरते वक्त के साथ
इक दिन,
यूं ही गुजर जाऊँगी !
करके कुछ
आँखों को नम,
कुछ दिलों में
यादें बन बस जाऊँगी !!”
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“राजीव राज”

NLP से अवसाद, भय या चिंता को कैसे दूर करें? | How To Remove Depression, Fear or Anxiety With NLP?

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NLP के साथ Depression, Fear or Anxiety को कैसे दूर करें। NLP एक बहुत ही प्रभावी Technique है, जो हमें अपने skills को develop करने में मदद करती है।  इस Technique की मदद से आप अपनी आदतों, भावनाओं और विचारों को बदल सकते हैं। NLP Technique का उपयोग करके हम अपनी Mind Power का 100% उपयोग कर सकते हैं। यह एक Personal Development Technique है। जब भी हम डर, तनाव, Depression (अवसाद) में होते हैं। वह समय कभी भी Creative (रचनात्मक) नहीं हो सकता। अगर हमें जीवन में आगे बढ़ना है तो हमें स्वाभाविक रूप से  Creative (रचनात्मक) होना होगा। हमको अपने कम्फर्ट जोन में आना होगा।

NLP से अवसाद, भय या चिंता को कैसे दूर करें?

Depression, Fear or Anxiety के कारण –

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चिंता (Stress), अवसाद (Depression) या तनाव (Tension) लगातार रहने से यह Anxiety में बदल जाती है। और इसके कई सारे रूप जैसे Fear, Stress, Tension, Depression आदि हमारे सामने आते है। यह हमारी Life को किस तरह से खराब करती है। हमारी Creativity को, हमारी Success को, हमारी Wellness को, हमारी Growth को, Hamper (बांधित) करती है। और हमको इससे बाहर आने के तरीके भी नहीं मालूम होते है। NLP के साथ Depression, Fear or Anxiety को कैसे दूर करें।

Fear, Stress, Tension, Depression or Anxiety की बजह से अपनी Success को, Wellness को, Health को और अपने Relationship  को खोना शुरू कर देते है। और हमें कोई न कोई Addiction हो जाता है। हम Anxiety से जल्दी से जल्दी बाहर आने की कोशिश मैं Overheating या गुस्सा के रूप मैं हमको Panic, Alcoholic Smoking और भी कई सारे Addiction हो जाते है।

Anxiety का ये Pattern हमें इन सभी जगह पर ले जाता है, क्योंकि हमारे Mind को वहाँ पर आराम मिलता है। Fear, Stress, Tension, Depression or Anxiety ये जब लम्बे समय तक चलती हैं। इन्हें Medical Science मैं Psychosomatic Disease के नाम से जानते है। Anxiety को Syndrome X भी कहते है। Obesity, Diabetic, Blood Pressure, Heart Attack से जुडी बीमारियां और इसके साथ जुडी दूसरी बीमारयां जैसे Arthritis ये सब शुरुआत हमारी Stress से होती है और Stress हमारा अधिकाधिक Mind में चल रहे उन विचारों से होता है जिनमें हम Comfortable Feel नहीं करते।

चिंता (Anxiety) क्या है? | What is anxiety?

 

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जब आप कोई Decision नहीं ले पा रहे हैं, और आपको लगता है कि पूरी Body Pain से गुजर रही है। आप Uncomfortable Feel कर रहे हो, आप confuse हों ये सारे Symptoms Anxiety के है। हमारी Creativity, हमारी Success, हमारी Wellness, हमारी Growth, हमारे Goal और Relationship सभी इसमें छूट जाते है। हमारी Body Fight or Flight Mode में आ जाती है। इसको हम anxiety कहते है|

हम इस Anxiety से कैसे बाहर निकले?

चिंता मन की एक State (अवस्था) है। जिससे बाहर बेचैनी का अहसास होता है। कभी-कभी छाती में हल्का दर्द महसूस होता है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि सिर के अंदरूनी हिस्से में हथौड़े से वार किया जा रहा है। कभी-कभी सिर और शरीर का तापमान बदल जाता है। और हम Panic Attack के शिकार हो जाते हैं। 

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NLP के साथ Depression, Fear or Anxiety को दूर करने के उपाय।

आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए आंखें बंद करके बैठें और 3, 4 बार गहरी सांस ले और कल्पना करें।

  1. आप Anxiety की Feelings को Imagination में कोई एक Color दें। (Red, Black, Grey).
  2. इन Anxiety Feeling का Temperature होगा। Temperature को Feel करें। ये Temperature High, Low या Medium हो सकता है।
  3. इन Anxiety की Feelings का Body में कोई Location होगी जैसे कंधों के ऊपर, पैरों में, सिर पर और भी कहीं हो सकती है। Feel करें।
  4. अब आप Imagine कीजिये, कि आपके सामने एक Fountain है। इस Fountain में ऐसा पानी है जो आपकी Anxiety को पूरी तरह समाप्त कर देगा। इस पानी को आप कोई और Color दीजिये जिसे आप बहुत पसंद करते हों। जैसे Yellow, Light Blue or Light Green इत्यादि।
  5. अब आप Imagine कीजिये कि इस पानी का Temperature बिलकुल Normal है।
  6. अब आप Imagine कीजिये इस Fountain का पानी आपके सिर पर गिर रहा है और आप नहा रहे है Imagine करते रहिये Fountain का पानी आपकी Anxiety वाले Color (Red, Black, Grey) को Fountain वाला Color (Yellow, Light Blue or Light Green) धीरे धीरे धुलते हुए सिर से लेकर गर्दन, सीना, पेट, कमर, पैर और पाँव के अंगूठे तक को साफ कर दिया है। वहाँ पर Fountain Color (Yellow, Light Blue or Light Green) आता जा रहा है। Anxiety  का Color (Red, Black, Grey) धीरे धीरे नाली मैं निकलता जा रहा है।
  7. अब Body का दर्द ठीक हो रहा है। Temperature Normal हो गया है। Anxiety का Movement भी धीरे धीरे शांत हो गया है।
  8. शरीर में पहले वाली Feeling को उस Fountain वाले पानी से हल्कापन महसूस कर रहे हो ।
  9. Imagine करते रहिये Fountain का पानी पूरी तरह से आपके शरीर में फ़ैल गया है। और Body का हल्कापन, Temperature को Normal Feel करते हुए आप अपने आपको प्रफुल्लित (Joyful) महसूस कर रहे है।
  10. ये सारी प्रक्रिया आँख बंद करके विश्वास के साथ Feel करते हुए कि Anxiety आपकी Body से बाहर निकल चुकी है।

 

अब आप धीरे-धीरे अपनी दोनों आंखें खोलेंगे। अगर इस प्रक्रिया को करने के बाद भी चिंता बाहर नहीं आती है। तो आपके दिमाग में कुछ पुरानी Negative (नकारात्मक) यादें हैं। इसी प्रकिया को आप दोहराते रहे जब तक ये  Anxiety खतम न हो जाए।

 

Panic Attack क्या है, Panic-Attack का इलाज NLP के साथ कैसे-करें? | What is Panic Attack, how to treat Panic-Attack with NLP?

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हमारी Healing Intelligence ही हमारी Protein है, जिसको हम Body कहते है | ये Heal नहीं करती जब तक हमारी Body मैं Past के Trauma (Past Painful Memory) होती है |

हमारी Immunity को तीन चीजें मारती है |

  • Thought ( विचार )
  • Toxins ( विषाक्त पदार्थ )
  • Trauma ( घाव या घटनाऐं )
Panic Attack क्या है, Panic-Attack का इलाज NLP के साथ कैसे-करें? |What is Panic Attack, how to treat Panic-Attack with NLP?

https://sam3irdeye.com/Past की वो घटनाएं जो दर्दनाक है, हम Trauma (unwanted memories) के नाम से जानते है | Past Painful Memory हमारे Mind मैं एक हादसे की तरह Store होती है | इस Memory को आप आज भी याद करके Discomfort हो जाते है, जो आज तक हमारी Mind Screen पर चल रहीं हैं | हमारे Mind और Body मैं Past की घटनाओं के Patterns पड़े होते है | जिससे आपकी Body और Mind दोनों ही खुश नहीं होते |

इन Past की घटनाओं से हमारी Immunity भी Week होती है, हम Stress मैं आते है व Depression और Anxiety को Feel करते है | हमारे Mind के अन्दर Locker मैं पड़ी वो Emotions है, जो आज भी Ongoing Issues की तरह चल रही है | ये आपके लिए आज भी Present है | इसलिए आज भी आपको परेशान कर रही है और उस समय भी परेशान किया था, जब ये Past मैं आईं थीं | हमारी Healing Intelligence ही हमारी Protein है जिसे हम Body कहते है | ये Heal नहीं करती जब तक हमारी Body मैं Past के Trauma (Unwanted memories) होती है |

हमारी Life मैं जो भी हादसे होते है वो 1 साल से लेकर 15 या 16 साल तक की अवस्था मैं होते है | और ये खासकर लड़कों की अपेक्षा लड़कियों मैं ज्यादातर देखने को मिलते है | ये हमारे Mind के अंदर बहुत ही गहरे Pattern के साथ पड़े होते है | जब तक हम Consciously इनको तोड़ते नहीं है, ये हादसे हमारे अंदर ही पड़े होते है | इसके साथ ही हम Invite कर रहे होते है बहुत सारी बीमरियो को जिनका नाम है Stress, Panic Attack, Killing the Immunity, Depression, काम मैं मन न लगना और Anxiety इत्यादि | इसको हम Psychosomatic Disease के नाम से भी जानते है | इस समय हमारी Body Fight और Flight Mode मैं चल रही होती है और उन Chemical’s को Produce कर रही होती है, जो Chemical हमारी Body के लिए आगे चल कर बहुत ही खतरनाक साबित होते है | जो (Stress, Panic Attack, Killing the Immunity, Depression, काम मैं मन न लगना और Anxiety Etc.) बीमारी के रूप मैं हमारे सामने आते है |

किसी भी Future या Challenging Situation के लिए हमारे पास Trauma नहीं होने चाहिए | उस समय आप दो Situations को कैसे Handel करेँगे | आप Present के Challenge को तभी पूरा कर सकते है जब आपके पास Past का Trauma नहीं होगा | आप कभी कभी Experience करते होंगे | जब भी आप कोई बड़ा काम करने की सोच रहे होंगे, और आपको लगता है कि कोई आपको पीछे से खींच रहा है | ऐसा लगता है आप आगे बढ़ना चाहते है आपकी Energy आपका साथ नहीं दे रही है | आपके अंदर से Unwanted आवाजें आ रहीं है | और आपकी Feeling बदल रही है |

आपको एहसास होने लगता है | कि अब मैं आगे नहीं बढ़ पाउँगा | आप Future के Plans को पूरी तरह से Cancel कर देते हो | इसलिए ये Past के Trauma जो आपकी Memory मैं पड़े है इनको Erase करना बहुत जरुरी है | आप एक एक करके Past Painful Memory (Trauma) को Erase करेंगे और आप अपने आपको पूरी तरह से हल्का Feel करेंगे | अब आप आगे भी बढ़ रहे होंगे और आपकी Healing Intelligence भी आपके साथ काम कर रही होगी, आपकी Energy भी आपका साथ दे रही होगी | आप ये भी पाएंगे कि आपकी Tonality,आपके Behavior आपके लिए Positive हो रहे है |

हमारे बचपन के Neuro Pathway हमारी Memory मैं Pattern के रूप मैं पड़े होते है 

कई बार Scientist और Physiologist ने ये पाया है, कि जो हमारे बचपन के Imprint हमारी Memory मैं Pattern के रूप मैं पड़े होते हैं उनमें से कुछ हमारे Parental Pattern भी होते है | जैसे हमारे Parent यदि Alcoholic है, या उनके Unwanted Behavior है, या Abusive Behavior रहा है, या उन्होंने Physically किसी को नुकसान पहुँचाया है, ये सारे Pattern उस समय जब आप बच्चे थे आपके दिमाग मैं गहरे बैठ गए हैं। यह भी पाया गया है कि कोई Mother, Wood be या जो Pregnant Lady किसी Stress का, या Physical, या Mental Trauma को Feel कर रही है ये सारे Pattern जो बच्चा उसकी कोख मैं पल रहा है उसके अंदर चलें जाते है | इसलिए Physiology मैं इसको Grand Mother Pattern या Grand Mother symptoms के नाम से भी जानते है | यानि कि कोई भी Trauma हमारे पास है तो कम से कम दो Generation को तो हम  देकर जाएंगे | इसलिए आप समझ लें इन (Trauma) Past Painful Memory को |

यदि Husband और Wife मैं लड़ाई हो रही है और उनका बच्चा शिशु अवस्था मैं है उस बच्चे का Mind इन सभी Pattern को ग्रहण (Pervasive) कर रहा है, कानों के द्वारा, आंखों के द्वारा | कई बार Parent का Sap-ration होता है या कोई Sexual Abuse है या अपना कोई छोड़ के चला जाता है जिसे हम Death कहते है या Breakup हो जाय | यानि कि ऐसे कुछ हादसे ( घटनाएं ) है जो Early Age में हमारे Mind मैं ता उम्र Imprint के रूप मैं पड़े होते है |

ऐसे ही कुछ Primary Pattern ईश्वर हमको Birth के Time पर हमारी Memory में देता है | कैसे हमारा Lever चलेगा, सांसें चलेंगी और पूरी Body की प्रक्रिया इसी Primary Pattern पर चलती है | कई बार ये Trauma एक बार की Exercise में समझ नहीं आते | हम बार बार Exercise करते है और ये Trauma एक एक करके धीरे धीरे निकलना शुरू हो जाते है | जब हम बचपन के Past या Early Age मैं जाते है तब हमको पता चलता है कि ये Trauma हमारी Mind Memory मैं Store है | इन्हीं Trauma ( Past Painful Memory ) के कारण आप अपने जीवन मैं बेहतर नहीं कर पा रहे थे | Basically ये Trauma उसी तरह हमारे Mind मैं पड़े रहते है, जैसे हमारे घर के कोने में कोई मरा हुआ चूहा पड़ा है और उससे दुर्गन्ध आ रही होती है, और हम उस दुर्गन्ध से बच नहीं सकते ये नहीं कह सकते कि घर की सफाई कर दी है | अब बदबू नहीं आएगी, जब तक कि आप घर से उस मरे हुए चूहे को बाहर न निकाल दें | आप ये भी नहीं कह सकते कि मैंने duo लगा लिया है, तो अब दुर्गन्ध नहीं आएगी |

ये Past Painful Memory बहुत ही गहरे Mind के Store मैं पड़े है | जिसे हम Subconscious Mind भी कहते है | इसमें ही हमारे Behavior Pattern भी पड़े है | जब Subconscious Memory उस Store से ये Pattern को लेगी और कहेगी कि “मेरे साथ कुछ गलत हो रहा है” | “I am not ok” जब ये Feeling होती है तब हमारे Behavior Change हो जाते है | क्यूंकि हमारे Subconscious Mind ने Store से वही Read किया जो Subconscious के पास Store मैं था | और हमारी Body उसी तरीके से हमें Reaction देना शुरू कर देती है | फलस्वरूप हमको बहुत सारी Disease धीमे धीमे मिलती रहती है | जिन्हे हम Stress, Panic Attack, Killing the Immunity, Depression, काम मैं मन न लगना और Anxiety के नाम से जानते है |

Panic Attack क्या है, Panic-Attack का इलाज NLP के साथ कैसे-करें? | What is Panic Attack, how to treat Panic-Attack with NLP?

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आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए आंखें बंद करके बैठें और 3, 4 बार गहरी सांस ले और कल्पना करें।

  • शांत बैठ कर Imagine करें आपके सामने 6 Feet की दूरी पर एक कांच की Transparent wall है | उसके आगे 6 Feet की दूरी पर एक बड़ी TV Screen है |
  • अब आप अपने Inner World मैं जाएँ और अपनी पूरी Body  को ऊपर से नीचे Scan करें, अपनी पूरी Body को Observe करें |
  • धीरे धीरे अपने Concentration को उस Transparent Wall  के पार TV Screen पर लेकर जाएँ |
  • TV Screen पर अपनी उस Memory को ले जाएँ जिस Memory में सबसे ज्यादा आपको दर्द मिला हो या जो Memory आपको सबसे ज्याद परेशान करती हो |
  • उस Memory को Screen  पर देखते हुए Feel करो वो Colorful है वहाँ कोई Sound भी हो सकती है |
  • उस Memory को Screen पर Start to End तक Feel  करो |
  • यदि Sound आ रही है तो Sound Mute करो, अब उसे Black and White कर दो |
  • सारे Sen’s को Still फोटो फ्रेम मैं कई सारे फोटो बनाकर Screen पर Pinup कर दो |
  • अब Screen को फोटो के साथ दूर जाता हुआ देखो जब तक कि फोटो एक Point मैं दिखाई दे |
  • अब आपके हाथ मैं एक Eraser है Feel करते हुए तेजी के साथ फोटो Point को तब तक मिटायें जब तक सारे Point स्क्रीन से गायब न हो जाएँ |
  • अब अपने Mental Screen पर उस Event को लाएं जो आपको अत्यधिक खुशी देता हो |
  • और उस Event को सामने Screen पर Complete Visibility और Sound के साथ End तक देखें |
  • उस Event Screen पर देखते हुए धीरे धीरे अपने Mantel Screen पर लेकर आएं और पूरे Event को Mantel Screen में कैद कर लें |
  • और उस TV Screen को तोड़ कर अपने Concentration को बापस लाते हुए Transparent Wall को हटते हुए Mantel Screen पर आ जाएँ |

 

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धीरे धीरे अपनी हथेलियों को आपस मैं रगड़ कर आंखों पर लगाएं | अब आप अपने आपको बहुत हल्का और तनाव मुक्त Feel कर रहे होंगे | यह Exercise आप एक बार में एक Past Painful Memory को Erase करने के लिए कर सकते है |

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NLP क्या है, जीवन में इसका क्या महत्व है? | What is NLP? What is the importance of NLP in life?

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इस लेख में मैं आपको बताऊंगा NLP क्या है, (What is NLP) जीवन में इसका क्या महत्व है? (What is the importance of NLP in life?) बहुत सारे लोग NLP (Neuro-Linguistic Program) के बारे में इंटरनेट पर सर्च करते हैं। लेकिन NLP (Neuro-Linguistic Program) के बारे में सही जानकारी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि अधिकांश जानकारी अंग्रेजी में उपलब्ध है।

NLP क्या है, NLP का जीवन में क्या महत्व है? | What is NLP, what is the importance of NLP in life?

NLP (Neuro-Linguistic Program) एक ऐसी तकनीक (Technique) है। जहां एक व्यक्ति की परिस्थिति को एक अलग नजरिए से देखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जहां एक व्यक्ति शारीरिक या मौखिक ट्रिगर के साथ एक विशेष भावना को एंकरिंग करता है। NLP (Neuro-Linguistic Program)  की तकनीकों का उपयोग व्यक्तियों के विश्वासों और व्यवहारों को सीमित करने, उनके संवाद में सुधार करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए किया जाता है। यह कोचिंग, चिकित्सा और व्यक्तिगत विकास में एक लोकप्रिय उपकरण बना हुआ है।

मैंने सोचा क्यों न आप के लिए की जानकारी (Knowledge) हिंदी में उपलब्ध करा दी जाए ताकि आप सभी को इसका लाभ मिल सके, और आपको कहीं किसी साइट पर भटकना न पड़े। हमारे दैनिक जीवन में NLP (Neuro-Linguistic Program) के महत्व के बारे में सभी जानकारी, हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से अवगत कराएंगे।

हम ग्रीस के एक महान विचारक और दार्शनिक “खलील जिब्राहिम” के कथन के साथ शूरु करते हैं। “हम या तो जीवन में आगे बढ़ते हैं, या हम सड़ते हैं।” कथन का अर्थ यह है कि जीवन के क्षणों में हम चल नहीं रहे हैं, उन क्षणों में हम सड़े/मरे हुए हैं।

Communication (संवाद)

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यह सब हमारे Communication पर निर्भर करता है। संचार के तीन महत्वपूर्ण तत्व हैं।

  • शब्द (Word)
  • आवाज की Tonality (Voice of Tone)
  • गैर-मौखिक भाषा (Non-Verbal Language)

संवाद (Communication) या बातचीत के समय, 55% प्रभाव (Impact) गैर-मौखिक भाषा (Non-Verbal Language) का, 38% प्रभाव (Impact) आवाज की Tonality का है और 7% प्रभाव (Impact) शब्द (Word) का  योगदान होता  है।

 (“आपके जीवन की गुणवत्ता, बस अपने संवाद की गुणवत्ता को परिभाषित करें”) Quality of your life, Just define the quality of your communication.

संवाद (Communication) दो प्राकार से होता है।

पहला संवाद (Communication) –

एक जो हम खुद से बात करते हैं। पूर्ण सिद्दत के साथ भाषा के माध्यम से किसी के मन तक पहुंचना बहुत कठिन है। जैसे ही आप एक घटना से दूसरी घटना में जाते हैं, आपके साथ हमेशा एक संवाद (Communication) होता है।

आप बाहर की घटनाओं को देखते रहते हैं और मान (Perception) लेते हैं कि यह सच है या गलत। कभी-कभी आप एक परिस्थिति में प्रसन्न (Delightful) रहते हैं और उसी परिस्थिति में दूसरा व्यक्ति क्रोधित (Angry) या उदास (Depression) हो जाता है। इसका कारण यह है कि आप अपना संवाद कैसे कर रहे हैं। आप इस संवाद को किसी भी समय उदास (Depression) के बजाय हर्षित (Delightful) होने के लिए बदल सकते हैं, और ये संसाधन (Resources) हमेशा आपके साथ होते हैं। यह संवाद हमेशा आपकी मदद करता है। आप जीवन में कितनी प्रगति करेंगे? आपका खुशी का सूचकांक (Index) इस संवाद पर आधारित है। सभी Wellness Books ज्यादातर कहती हैं  कि यह संवाद जितना मजबूत और सकारात्मक होगा। आप अपने जीवन में लंबे समय तक अत्यधिक मजबूत, खुश और सेहतमंद रहेंगे।

दूसरा संवाद (Communication) –

दूसरा संवाद हम लोगों के साथ करते है क्योंकि हम सभी सामाजिक प्राणी हैं। हमें लोगों के साथ बातचीत करनी होती है। हमें संबंध विकसित करने होते हैं। हमें  व्यवसाय भी करना होता है। हमारा  यह दूसरा संवाद  बहुत महत्वपूर्ण है।

हमारा लोगों के साथ तालमेल कैसा होगा। लोगों के साथ हमारा रिश्ता कैसा होगा। हमारा व्यवशायक विकास (Professional growth) कैसा होगा। हमारे घर परिवार के रिश्ते कैसे होंगे। असलियत में दोनो संवाद परिभाषित करेंगे कि मूलरूप (Basically) से आपकी नियति (Destiny) क्या होगी।

आपका अपने साथ और दसरो के साथ उच्चत्तम और स्पष्ट संवाद होगा। यह संवाद ही आपकी नियति (Destiny) को बेहतर और मज़बूत  बनायेगा। आप जीवन में हमेशा अच्छा और स्वस्थ महसूस करें। तो आपको दोनों संवाद में महारत हासिल करनी होगी। और इस महारत के लिए आपके पास N.L.P. (Nuero Linguistic Program) नाम की एक तकनीक है। इसके माध्यम से आप अपने दिमाग को पूरी तरह से Re-program कर सकते हैं। Re-Program को करने से आप न केवल अपना दिमाग बल्कि अपने शरीर को भी चला सकते हैं।

Senses (इंद्रियां)

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हम पांच इंद्रियों (Senses) के माध्यम से जानकारी प्राप्त करते हैं ।

  • Sight or Vision (दृष्टि) – इसका मतलब है कि हम चीजों (Object) को अपनी दृष्टि से देखते हैं।
  • Sound or Hearing (ध्वनि या श्रवण) – इसका मतलब है कि हम बात को अपने कानों से महसूस कर सकते हैं।
  • Touch or Kinesthetic (स्पर्श या काइनेस्टेटिक) – इसका मतलब है कि हम चीजों (Object) को छूकर महसूस करते हैं।
  • Smell or Olfactory (गंध) – हम Object को गंध के माध्यम से महसूस कर सकते हैं।
  • Taste or Gustatory (स्वाद) – हम स्वाद के माध्यम से Object को महसूस करते हैं।

हम सभी के लिए यह सामान्य है।

हम अपने आस पास की दुनिया का अनुभव इन Senses के माध्यम से करते हैं। इन इन्द्रियों के द्वारा प्राप्त सारे अनुभवों की Information हमारे Neurological System के द्वारा हमारे Brain तक Travel करतीं हैं | हम जो कुछ भी अनुभव करते हैं वह हमारी Personal values, socio-cultural background और Memory (स्मृति) जैसी कई चीजों में filter हो जाती है। इस Unique Setup Filter को किसी व्यक्ति का Internal Representation (आंतरिक प्रतिनिधित्व) या IR भी कहा जाता है।

NLP क्या है, जीवन में इसका क्या महत्व है? | What is NLP? What is the importance of NLP in life?

N-Neuro

मन और हम कैसे सोचते हैं। हमारा तंत्रिका तंत्र (Nervous System), हमारी पांच इंद्रियों के मानसिक मार्ग हैं।

L-Language

हम भाषा का उपयोग कैसे करते हैं और यह कैसे (विशिष्ट शब्द और वाक्यांश) एक दर्पण या मानसिक शब्द है और हमें प्रभावित करता है। भाषाई हमारी ‘मौन भाषा’ यानी हमारे गैर मौखिक व्यवहार (Non-Verbal Language) जैसे हमारी मुद्राएं, हावभाव, विश्वास और आदतें जो हमारी सोच शैली को प्रकट करते हैं।

P-Programming

हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने कार्यों को कैसे अनुक्रमित करते हैं, यह तय करता है कि हमारे विचार, भावनाएं और कार्य केवल Habitual Program हैं जिन्हें हमारे ‘मानसिक सॉफ़्टवेयर’ को अपग्रेड करके बदला जा सकता है।

Some Definitions:

  • NLP मानव संचार का अध्ययन है।
  • NLP व्यक्तिपरक अनुभव की संरचना का अध्ययन है।
  • NLP हमारे दिमाग और बाद के व्यवहार पर प्रभाव है।
  • NLP मॉडलिंग उत्कृष्टता का तरीका है।
  • NLP आपके सबसे अच्छे होने की क्षमता है।
  • NLP व्यक्तिगत परिवर्तन के लिए शक्तिशाली और व्यावहारिक दृष्टिकोण है।

NLP क्या करता है?

NLP (Neuro-Linguistic Program) एक बहुत ही शक्तिशाली तकनीक है, जो हमें अपने  Simple Skills Develop करने में मदद करती है। इस तकनीक का उपयोग करके हम Communication की Verbal या Non-Verbal तकनीक विकसित कर सकते हैं। हम अपने शरीर, भावनाओं और विचारों को बदल सकते हैं। NLP का उपयोग करने के बाद हम अपनी दिमागी शक्ति का 100% उपयोग करने में सक्षम होंगे।

यह एक Personal Development तकनीक है जो Thought Process, Emotion, Attitude और जागरूकता स्तर को विकसित करने में मदद करती है।

इस एप्लिकेशन में निम्नलिखित विषय शामिल हैं।

  • NLP की परिभाषा
  • NLP का इतिहास
  • NLP के Principles (ऑपरेटिंग Principles)
  • दिमाग और शरीर
  • Human emotions (मानवीय भावनाएं)
  • Representation System (प्रतिनिधित्व प्रणाली)
  • Mind Map (माइंड  में नक्शे बनाना)
  • माइंड फिल्टर
  • आंखों तक पहुंचने वाले संकेत
  • Synergy (तालमेल)
  • Matching (मिलान)
  • Mirror (दर्पण)
  • पेसिंग और लीडिंग
  • NLP एंकरिंग तकनीक
  • Communication skills (संचार कौशल)
  • Body language skills (शारीरिक भाषा कौशल)

सभी विषयों को ध्यान से पढ़ें और इन तकनीकों का उपयोग करके अभ्यास करें।

इस पोस्ट के माध्यम से आपको NLP तकनीक के बारे में पूरी जानकारी देने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। इन सभी तकनीकों का व्यावहारिक रूप से उपयोग करें, यदि आप इसे अपने दैनिक जीवन में व्यावहारिक रूप से करते हैं, तो आपको अधिक और दक्षता में सुधार होगा।

Conscious (चेतन) और Unconscious (अचेतन) Mind 

NLP में चेतन और अचेतन मस्तिष्क (मनोविज्ञान की अन्य प्रणाली के विपरीत) की एक विशेषता है।

Conscious Mind (चेतन माइंड): वर्तमान क्षण में जागरूकता का विकास।

Unconscious Mind (अचेतन माइंड): कई विचारों, भावनाओं / भावनाओं, Resources (संसाधनों), विश्वासों, आवेगों के लिए एक कंटेनर है।

NLP परिवर्तन और आत्म-विकास लाता है।

 

 

आइए एक बेहतर जीवन की शुरुआत करें…………..

 

 

 

अनिद्रा (नींद न आना ) क्या है। What is insomnia (sleeplessness)? | अनिद्रा (Insomnia) का इलाज NLP के साथ कैसे करें। | How to treat insomnia with NLP.

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अनिंद्रा (Insomnia) क्या है।  What is insomnia (sleeplessness)?

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जब हम रात को सो नहीं पाते। अनिद्रा की शिकायत रहती है। इससे हमको गंभीर परिणाम मिलते हैं। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि मन की एक अवस्था है, इस अवस्था में आप सो नहीं पाते हैं।  यादि आप नींद को ठीक कर लें, सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। जैसे आपका स्वास्थ्य, सामाजिक संबंध, व्यवसाय आदि। नींद पूरी न होने के कारण शरीर पूरी तरह से आरामदायक नहीं होता है। शरीर की इस अवस्था को अनिद्रा (INSOMANIA) के नाम से जाना जाता है।

अनिद्रा (INSOMANIA) के कारण :

जब आप सो नहीं पाते हैं, उस समय शरीर में Stress Chemicals निकलने लगते हैं और शरीर के बाकी Chemical Source अपने आप बंद हो जाते हैं। उस समय बॉडी Fight and Flight मोड पर आ जाती है। यह Chemical अवसाद, विचार और चिंता को बढ़ाने लगते हैं। इससे आपके शरीर में Psychosomatic Disease, Autoimmune, जलन, और गुस्सा बढ़ जाता है।

इस समय दिलचस्प बात यह है कि यह समस्या 21वीं सदी में किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो रही है। सभी में नींद न आने के लक्षण दिखने लगे हैं। फिर सवाल है कि इसकी वजह क्या है, इसके दो बड़े कारण हैं।

1. आपने कुछ मानसिक चिंता ली है।
2. या आपके पास ऐसा खाना है, जो आपके शरीर के अंदर तनाव पैदा कर रहा है?

अनिद्रा के लक्षण और उपचार | How to treat insomnia with NLP.

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हम दूसरे बिंदु से शुरू करते हैं।-

आप जो कुछ भी खाते हैं, खाना आपकी आंत में जाता है, आंत के अंदर जो भी सूक्ष्मजीव होता है, वह Biological Language के माध्यम से आपके मस्तिष्क के संपर्क में रहता है। ऐसा कोई भी भोजन न लें, जो आपके शरीर या चयापचय प्रणाली के लिए न बना हो। सूक्ष्मजीव आपके मस्तिष्क को संदेश भेजता है, कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए आपने नोटिस किया होगा, कि कई बार खाना खाने के बाद आपको नींद नहीं आती है।

दूसरा बड़ा करण है –

आपको नींद न आने का वो है चिंता, आपके दिमाग में कोई न कोई बेचैनी है। जरुरी नहीं है की ये बेचैनी वास्तविक हो कई बार ये अवास्तविक भी हो सकती है। वास्तविक बेचैनी जैसे आपको चोट लग गई हो या कोई दुर्घटना हो गई हो निश्चित रूप से आपको नींद नहीं आएगी। आपने एक Inner Image के साथ असुविधा का अनुभव किया है, जो वहां है ही नहीं लेकिन इसकी Inner Image आपके दिमाग में बनी हुई है। ध्यान रहे आप तब तक नहीं सोएंगे जब तक, कि यह आंतरिक छवि बदल नहीं जाती। क्योंकि यह असहज आंतरिक छवि आपके भीतर ऐसे Chemical पैदा करती रहेगी, जो आपको जगाने के लिए प्रेरित करते हैं।

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यद्यपि आप सोने की कोशिश करते हैं। मगर आपका Discomfort Inner Image आपको सोने नहीं देती है। लगातार आपके जागते रहने से आपकी Body का Healing Cycle टूट जाता है। आपकी Body Heal नहीं करती है, और आप बीमार पड़ने लगते हैं। यही करण है हमारे देश मैं नींद की गोलियां (Sleeping Pills)अधिक मात्रा मैं बिक्री होती है। क्योकि हम सोना चाहते हैं। सोने के लिए हमारी बॉडी मैं पर्टिकुलर एक Harmon’s या Chemical या Molecules Penial Gland के द्वारा Release होता है जिसका नाम Melatonin है। Melatonin Harmon’s Sleeping Molecules है, जिससे हमको को नींद आती है।

जब भी Melatonin का Cycle Break होगा, हमारी नींद का Cycle भी टूट जाएगा और आपको को नींद नहीं आएगी। Melatonin Harmon’s बंद होने का एक और भी करण है। जैसे आपके आंखों के सामने रोशनी होने से नींद नहीं आएगी। ये रोशनी मोबाइल, लैपटॉप या कमरे से भी हो सकती है। आंखों के कॉर्निया पर रोशनी पड़ने पर आँखों का Melatonin Harmon’s अपना काम करना बंद कर देता है। इसलिए सूरज की रोशनी में हमारी नींद खुल जाती है। Melatonin Harmon’s तभी काम करेगा जब आपकी आंखों के कॉर्निया पर अंधेरा होगा।

पहला कदम –

जरुरी है आप अपनी जीवन शैली को बदलें, अगर आप देर रात तक TV या Mobile देखते हैं, या फिर लैपटॉप पर काम करते हैं, उस समय Melatonin का Highest Cycle टूट जाता है। सोने से एक घंटे पहले अपनी आंखों के सामने से अवांछित रोशनी को हटा दें। यह लाइट लैपटॉप, मोबाइल, कमरे आदि की हो सकती है।

दूसरा कदम –

आप अपनी धारणा को बदलना शुरू कर दें। हम हर पल हर दिन Negative Imprint के Neuro Pathway बना कर ग्रहण कर रहे होते हैं। अगर आप नींद का आनंद लेना चाहते हैं तो कुछ काम करें। आप कुछ समय के लिए अपने Inner World की feeling में चले जाएँ हैं। यह 10 Min. आप अपनी सांसों पर ध्यान देना शुरू करें। धीरे-धीरे, आप Outer World के विचारों से दूर हो जाएंगे और Inner World में एक जगह पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

तीसरा कदम –

यहां आपको अपने दिमाग के विचार इधर उधार न जाए, के लिए Trend करना होगा, और पूरी तरह से अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यदि आपने अपने आपको एक पॉइंट पर फोकस नहीं किया, तो दिमाग सभी दिशाओं मैं भागेगा और सारी Information को प्राप्त करेगा। और ज्यादातर Information Negative होती हैं। इसलिए आप अपने दिमाग फोकस करने के लिए एक सेंटर पॉइंट बनाइए।

चौथा कदम –

सेंटर पॉइंट तब बनेगा जब आप अपनी सांसों के साथ जुड़ेंगे, आप अपनी साँस का निरिक्षण कीजिये। अब आपके विचार आयेंगे उन विचारों से निकलना है और अपने आपको शून्य मैं रखना है। अपने Past को वहाँ से हटाइए, इसके लिए आप मेरी पिछली पोस्ट पर जाये। How to Release Past Painful Memory with NLP. – Sam Third Eye (sam3irdeye.com)

अपने Past की सभी इनफार्मेशन को हटाएँ जो आपके दिमाग में आवाज़ के रूप मैं पड़ी है। उन Negative Emotions की वजह से आप Positive Emotions को Enjoy नहीं कर पा रहे हो। आप अपने Past को Let Go करना सीखो, जैसे ही आप अपने Past को Let Go करना सीखेंगे। वहाँ से आने वाली सारी Information शांत होना शुरू हो जाएगी।

पाँचवा कदम –

आप लोगों को और कुछ चीज़ों को Forgive करना सीखिए। आपके माइंड मैं बहुत सारे ऐसे Event होंगे जिससे आपको गुस्सा आया होगा, Revenge आया होगा, उस परिस्थिति मैं आपने अपने आपको Victim पाया होगा। कुछ लोग होंगे आपके Mind में जिन पर आपको गुस्सा आया होगा, आप उनको Forgive करना सीखिए। अपने आपको उनसे Disconnect या Distance बना कर रखिए। अपने आपसे अपने Past को Disconnect कीजिये।

आपको ये Exercise करते रहने के बाद खुद पर यकीं और प्यार आने लगेगा आप इसे Enjoy कर रहे है। आपके अंदर Melatonin Enzyme तेजी के साथ बढ़ने लगेगा और आपको अच्छी नींद आना शुरू हो जाएगी।इस Exercise को करके आपकी बॉडी में Guava नाम का Molecule Increase होना शुरू हो जायेगा। आपकी बॉडी और माइंड उतना ही शांत होता जयेगा साथ ही आपका Immune System भी ठीक होता जायेगा। Immune System Directly आपकी Emotions के साथ जुड़ा हुआ होता है।

आपका Immune System आपके लिए सारी Activity करने को तैयार है वशर्त है उसको ये पता लग जाय कि उसका मालिक पूरी तरह शांत है।यदि उसे ये पता चलता है कि आप मालिक है और अशांत है फिर वो बीमारियों को Heal नहीं करेगा। यह आपके लिए Flight और Fight Mode में रहेगा। इसलिए जरुरी है दिन मैं कम से कम दो वॉर आप अपने इनर वर्ल्ड से जुड़िए। अपनी ब्रीथ के साथ कनेक्ट रहिए।

Negative Thought और Person को Forgive कारना शुरू कीजिये और अपनी खूबसूरत नींद का आनंद लीजिये।